shiv chalisa lyrics pdf - An Overview

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भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।

On Trayodashi (13th day with the darkish and shiny fortnights) one need to invite a pandit and devotely make offerings to Lord Shiva. Those who fast and pray to Lord Shiva on Trayodashi are generally nutritious and prosperous.

Lord Shiva is also known as Mahakaal, he would be the god of war, the destroyer, Bholenath for his kindness and generosity to many of the creatures In this particular universe.

अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥

जुग सहस्र जोजन पर भानु। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा जितनी की जाए उतनी ही कम है भगवान शिव की कृपा भी read more सबसे अधिक मानी जाती है क्योंकि जो व्यक्ति शिव भगवान की पूजा करता है और भगवान शिव अगर उस पर प्रसन्न होते हैं तो उस पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं तथा उनकी प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

शिव पंचाक्षर स्तोत्र

राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

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